Home » ਅੰਤਰਰਾਸ਼ਟਰੀ » केजरीवाल पंजाब का पानी छीन कर दिल्ली और हरियाणा को देना चाहते हैं,रणजीत सिंह खोजेवाल

केजरीवाल पंजाब का पानी छीन कर दिल्ली और हरियाणा को देना चाहते हैं,रणजीत सिंह खोजेवाल

53 Views

पानी के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी के नेताओं की कथनी और करनी में फर्क है,भाजपा

कपूरथला — पूर्व चेयरमेन व भारतीय जनता पार्टी के हल्का इंचार्ज रणजीत सिंह खोजेवाल ने एसवाईएल मुद्दे पर बातचीत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान को पानी की स्थिति पर सफाई देनी चाहिए कि अगर पंजाब में पहले से ही पानी है ही नहीं तो हरियाणा को पानी देने का सवाल ही पैदा नहीं होता।खोजेवाल ने कहा कि दुनिया भर में अगर पानी वितरण कानून को आधार बना कर पानी का वितरण होता आया है तो हरियाणा को भी पानी वितरित कानून के आधार पर किया जाना चाहिए।उन्होंने कहा कि पानी के मुद्दे आम आदमी पार्टी के नेताओ की कथनी और करनी में अंतर्
है।इस लिए आम सप्रीमो क्याकेजरीवाल अपना स्टैंड स्पष्ट करे।खोजेवाल ने दाे टूक कहा कि पंजाब के पास पानी की एक बूंद भी नहीं है तो हरियाणा को कहां से पानी देंगे।भाजपा पंजाब के पानी के साथ है।पंजाब के पानी पर पहला हक पंजाबियाें का है।किसानों के खेतों में पानी नहीं है ऐसे में किसी और को पानी दिए जाने का वह किसी भी हाल में समर्थन नहीं करते।खोजेवाल ने पंजाब की आम आदमी पार्टी की मान सरकार पर जोरदार हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान(एसवाईएल) नहर पर अपना स्टैंड सपस्ट करे।खोजेवाल ने कहा कि आप के हरियाणा प्रभारी सुशील गुप्ता गारंटी देते है कि हरियाणा में सरकार बनने पर एस.वाई.एल.पानी हरियाणा में लाएंगे।क्या उन्होंने भगवंत मान जी से पूछकर यह गारंटी दी है?केजरीवाल पंजाब का पानी छीन कर दिल्ली और हरियाणा को देना चाहते हैं।उन्होंने कहा कि मान साहब एस.वाई.एल.मामले में घुटने मत टेक देना।उन्होंने मुख्यमंत्री भगवंत मान से इस मामले पर अपना स्टैंड स्पष्ट करने की मांग की है।उन्होंने एसवाईएल को पंजाब को कमजोर करने की कांग्रेस पार्टी की विभाजनकारी राजनीति का उत्पाद करार दिया और कहा कि इसका प्रस्ताव 24 मार्च 1976 को आपातकाल के दौरान प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा जारी एक अधिसूचना के माध्यम से पंजाब के पानी के अनुचित वितरण से उत्पन्न हुआ था।उन्होंने प्रधानमंत्री से जोर देकर कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे विवादास्पद अवधियों में से एक,जिसने कांग्रेस की फासीवादी प्रवृत्तियों को उजागर किया,उक्त आपातकाल के दौरान श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा संवैधानिक शक्तियों के दुरुपयोग के बारे में आपसे बेहतर कौन जान सकता है।जिसने आपातकाल के दौरान कड़ा विरोध किया हो।खोजेवाल ने कहा कि पंजाब के जल के मामले में हमेशा संवैधानिक व्यवस्था पर राजनीति हावी रही।आपातकाल के दौरान कांग्रेस की प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की रचना एसवाईएल असंवैधानिक और असंवैधानिक है।आज आपातकाल के दौरान लिए गए फैसलों पर पुनर्विचार करने की सख्त जरूरत है।उन्होंने कहा कि 14 दिसंबर 2020 को जस्टिस संजय कृष्ण कौल की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने आपातकाल को देश के लिए अनावश्यक घोषित कर दिया है।उन्होंने कहा कि पंजाब का भूमिगत जल भी लंबे समय तक उपलब्ध नहीं रहेगा।उन्होंने कहा कि पंजाब भाजपा अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने बार-बार इस बात को दोहराया है कि आज पंजाब के पास अतिरिक्त पानी नहीं है।खोजेवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल ही में नदी के पानी को प्राकृतिक संसाधन के रूप में घोषित करने और सभी के अधिकार और खुली पहुंच के समर्थन ने पंजाब की चिंता बढ़ा दी है।उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की उक्त टिप्पणी की तुलना 1987 में इराडी ट्रिब्यूनल अवार्ड के समय इराडी के तर्कहीन तर्क से की,जिसमें कहा गया था कि भारत जैसे देश में रिपेरियन सिद्धांत को स्वीकार नहीं किया जा सकता क्योंकि राज्य की सीमाएँ तय नहीं हैं।हमारे संविधान के तहत राज्य की सीमाओं को बदला जा सकता है और एक राज्य को खत्म भी किया जा सकता है।इसलिए,कोई भी राज्य जल के स्वामित्व का दावा नहीं कर सकता।उन्होंने कहा कि किसी को भी भारतीय संविधान की आत्मा का उल्लंघन करने की अनुमति नही है। उन्होंने कहा कि संविधान की सातवीं अनुसूची में 17वीं प्रविष्टि,जिसे राज्य सूची के रूप में जाना जाता है,पानी से संबंधित है।जहां नदी के पानी को राज्यों के अधिकार क्षेत्र में माना गया है।पानी के बारे में सुप्रीम कोर्ट के खुलेपन ने सवाल किया कि क्या अन्य राज्यों की भूमि से निकलने वाले धातु, कोयला,लोहा,ग्रेनाइट आदि के बारे में अदालतों की भी यही सोच होगी?।क्या उन्हें भी पंजाब के पानी की तरह एक प्राकृतिक संसाधन के रूप में सभी के समान अधिकार के रूप में माना जाएगा?उन्होंने कहा कि आज पंजाब जल संकट से जूझ रहा है।पंजाब में सिंचाई के लिए 30% नहरी पानी की सुविधा है और 70% पानी ट्यूबवेल के माध्यम से भूमिगत उपयोग किया जाता है।उन्होंने आशा व्यक्त की कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी व्यक्तिगत रूप से पंजाब को न्याय दिलाने के लिए एसवाईएल और पानी के मुद्दे को हल करने के लिए हस्तक्षेप करेंगे।

Gurbhej Singh Anandpuri
Author: Gurbhej Singh Anandpuri

ਮੁੱਖ ਸੰਪਾਦਕ

One Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

FOLLOW US

TRENDING NEWS

Advertisement

GOLD & SILVER PRICE

× How can I help you?