दिल्ली 21 जून (तरनजोत सिंह) सिख युवाओ को मनमत और गुरमत के बीच का अंतर समझाने और समृद्ध सिख विरासत की कहानियां सुनाने के लिए दिल्ली के विभिन्न गुरुद्वारों में, सिंह सभाओं, संस्थाओं, प्रबन्धक समितियों, रंग करतार दे, नानक खेती और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के सहयोग से बच्चों ने गुरु साहिब की गोद में बैठने का दिव्य आनंद लिया। विभिन्न परियोजनाओं पर लोगों की सेवा करने वाली रंग करतार दे की टीम के सक्रिय सदस्य बलजीत सिंह ने बताया कि इस बार गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा गोबिंदपुरी में पंजाबी भाषा प्रचार समिति और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के सहयोग से ‘मेरी मां पंजाबी बोली’ शिविर का आयोजन किया गया।चार साहिबजादे स्पोर्ट्स एकेडमी द्वारा गुरुद्वारा सिख संगत रणजीत नगर साउथ पटेल नगर में भाई जगधर सिंह व विद्वानों की टीम ने नानक खेती व रंग करतार के सहयोग से ‘गुरसिख जीवन जुगत’ शिविर का आयोजन किया और बच्चों को बताया कि कैसे एक सिख गुरु के अनुसार अपना जीवन व्यतीत करता है।
गुरुद्वारा श्री सिंह सभा शादीपुर में हुए नितनेम कार्यक्रम के संबंध में बच्चों को बताया गया कि क्यों हर सिख के जीवन में नितनेम का महत्व है । इसी तरह रंग करतार के अमित सिंह ने पटेल नगर में बच्चों के लिए गुरमीत कक्षाएं संचालित की । विकासपुरी में गुरु के सामने बैठकर बच्चों को कैसा अनुभव हुआ पर सवाल जवाब हुए तो बच्चों ने भविष्य में भी श्री गुरु ग्रन्थ साहिब जी की गोद में बैठ छुटियाँ व्यतीत करने की बात कही। इसी के साथ सभी गुरमति कैंप बोले सो निहाल सति श्री अकाल के जैकारों की गूंज से समाप्त हुए।